hindi stories in hindi. story by hindi. पढ़े अच्छी अच्छी कहानियां। हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी।
Table of contents
2. एक किसान और लड़के की शानदार कहानी
4. बुढ़िया और गाय की मजेदार कहानी
प्रस्तावना :—
हिंदी कहानियां जिसे पढ़ने के पश्चात एक अलग उत्साह एवं मन आनंदित होने लगती है। हिंदी कहानी पहले दादा दादी सुनाएं करते थे। जिससे बच्चे सुनकर नैतिक मूल्यों को जान पाते थे। लेकिन आज के समय में बहुत मुश्किल से ऐसा हो पता है।
आप भी अपने बच्चों को या भाई-बहन को ऐसे छोटी-छोटी कहानी आवश्यक बताया करें जिससे वे भी कुछ सीख सके। यदि हम बच्चे को क्या सही है? क्या गलत है? यह सीधे तौर पर बताएं तो वह कुछ नहीं सीख पाता है। लेकिन यदि हम सही गलत की राह को कहानियों के माध्यम से उन्हें बताएं तो बच्चे उन्हें अवश्य सुनते हैं। तब हम क्या सही है और क्या गलत है? आसानी से बता सकते हैं। इन सब से बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास होता है।
आज हम लाए हैं तीन ऐसी ही कहानी जो प्रेरणा के साथ-साथ मनोरंजन भी खूब होगी। तीनों कहानी एक से बढ़कर एक है, इसे ध्यान से एक बार अवश्य पढ़े और अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।
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एक किसान और लड़के की शानदार कहानी
एक किसान हुआ करता था, वह बहुत ही मेहनती था अपने काम के प्रति ईमानदार था। वे अपने छोटे से खेत में काम करता था। उस छोटे से खेत से उनको अच्छा खासा धन प्राप्त हो जाता था। 5 से 6 सालों बाद उन्होंने कड़ी मेहनत कर खूब धन अर्जित किया तथा आसपास की सभी जमीन को खरीद लिया अब उनको और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत हुई, वह अकेले इस कार्य को करने में समर्थ नहीं थे।
इसीलिए उन्होंने वर्कर रखने के लिए अखबार में इश्तिहार छपवा दी तथा इंटरव्यू लेने के लिए बहुत से लोगों को बुलाए वे सभी से सवाल करते हैं कि आपको एग्रीकल्चर के बारे में क्या नॉलेज है? यानी खेती-बाड़ी का कौन सा काम आता है! लोगों ने अलग-अलग जवाब दिए किसान को उन सभी का जवाब समझ में नहीं आया, फिर एक लड़का आया उनसे भी यही सवाल पूछा उस लड़के ने जवाब दिया। उसकी इस जवाब को सुनकर किसान को अटपटा जरूर लगा लेकिन उसको काम में रख लिया किसान ने उससे पूछा था कि तुम क्या करोगे उस लड़के ने बहुत ही प्यारा सा जवाब दिया जब तूफान आएगा तब मैं आराम से सो जाऊंगा किसान को यह जवाब अटपटा जरूर लगा , लेकिन उस लड़के को काम में रख लिया
अब इसका क्या मतलब है आइए देखते हैं - वह लड़का किसान की हर काम में मदद करता खेतों की रक्षा करता एक दिन किसान दौड़ते हुए आया उस लड़के को ढूंढ रहा था, क्योंकि तूफान आया हुआ था उन्होंने देखा कि वह लड़का आराम से सो रहा था किसान अपने मन में कहने लगे देखो इस पागल आदमी को कैसे सो रहा है इसे तो अपना काम करना चाहिए बैलों को बांधना चाहिए, खेत की रक्षा करनी चाहिए, किसान अंदर गए और उस लड़के को उठाएं और बोला तुम्हें अपना कार्य मालूम नहीं है क्या?
लड़के ने जवाब दिया मैंने आपसे पहले ही बोला था जब तूफान आएगा तब मैं आराम से सो जाऊंगा किसान कहने लगे यह पागल बेवकूफ आदमी मेरे पल्ले कैसे पड़ गए? जब तक यह उठेगा तब तक मैं अपना काम कंप्लीट कर चुका हूंगा किसान गायों को बांधने के लिए दौड़े जब वहां पहुंचे तब उन्होंने देखा की सभी कार्य पहले से ही हो गया था।
कहानी से सीख :—
किसान को अब यह बात समझ में आया की जब तूफान आएगा तो मैं आराम से सो जाऊंगा अर्थात मुसीबत आने से पहले ही सभी कार्य को पूरे कर लेना चाहिए बहुत से किसानों का यही हाल है कि वे मुसीबत आने पर ही कार्य को करने के लिए दौड़ते हैं पहले से कार्य को करके नहीं रखते। हमें इस लड़के से सीख लेनी चाहिए तथा अपने जीवन में भी इसी पाठ का अनुसरण करना चाहिए।
आपको यह कहानी कैसी लगी हमें कमेंट जरूर करें।
मौका चूक मत जाना
किसी ने बहुत हि बढ़िया बात कहीं है कि हर सुबह अवसर आपके दरवाजा खटखटाएंगी लेकिन तुम सोते रह गए तो धिरे से निकल जाएगी। ऐसी हि एक कहानी है एक लड़के की। वह लड़का पेट्रोल पंप पर काम किया करते थे। उसके भी कई सारे सपने थे। उनके यहाँँ कई सारी महगी गाड़ी पेट्रोल,डिजल भरवाने के लिए आते थे। उसको देखकर उसके मन मे हलचल होता था। कि कब मेरे पास भी महंगी बड़ी गाड़ी होगा? कब मैं भी बड़ा आदमी बनूँगा ? और ना जाने ऐसे हि कई सारे सवाल उसके माइंड मे चलते रहते थे।
एक दिन उसके दुकान पर एकदम महंगी खूबसूरत कार आया उसके अंदर बैठा व्यक्ति उस लड़के से डीजल डालने के लिए बोला।लड़के ने इतनी महंगी कार आस-पास या यू कहे तो कभी नहीं देखा था। वह लड़का इतनी सूंदर महंगी कार को देखकर हक्का बक्का हो गया उसके मुँह से शब्द हि नहीं निकल पा रहा था। फिर भी उस लड़के ने हकलाते हुए उस व्यक्ति से पूछ हि लिया कि यह गाड़ी आपके पास कैसे आई? उस व्यक्ति ने मुस्काते हुए बोला- देखो भाई मैं एक बिजनेस मेन हूँ। यह कार 80 लाख की है, मुझे इस मुकाम को हासिल करने मे खूब मेहनत करनी पड़ी, कई सालो तक की मेहनत के बाद इस पोजीशन पर पहुंचा हूँ।
फिर उसने पैसे देते हुए आगे बोला - तुम भी इस मुकाम तक पहुँच जाओगे! लड़के ने पूछा - कैसे? मैं तुम्हें इस मुकाम तक लेकर आऊंगा अभी मुझे देर हो रहा है तुम मेरा ये विजिटिंग कार्ड ले लो बाद मे मेरे इस नंबर पर कॉल करना, मैं तुम्हें सब कुछ बता दूँगा। लड़के ने वो कार्ड ले लिया। उस व्यक्ति के चलें जाने के बाद वह लड़का सोचता हि रहा कि क्या यह व्यक्ति सही कह रहा है या नहीं या फिर मेरे से कोई गलत काम कराएगा तो नहीं इतनी जल्दी कोई बड़ा अमीर आदमी कैसे बन सकता है, ऐसे ही न जाने उसके मन मे ढेरों विचार आ रहे थे।
दिन भर इसी बारे मे सोचते रहे, घर जाने का भी समय हो गया, तभी वहीं पास पड़े डस्टबीन मे, क्या यार ऐसा कुछ भी होने वाला नही है,अपन तो इसी कम मे खुश है कहते हुए विजिटिंग कार्ड को फाड़ कर डाल दिया। उसका काम ऐसे हि चलने लगा देखते देखते 5 साल गुजर गया।
एक दिन वैसे ही कार फिर उसके दुकान पर आकर खड़ा हुई। उसके मन में ढेर सारी वैसे ही विचारे आती रही। लड़के ने उससे पूछ ही लिया कि यह कार आपके पास कैसे आई? कार के अंदर बैठा व्यक्ति बोला:– आप यह क्या कह रहे हो भाई? मैं तो यही बगल में झाड़ू लगाने, साफ सफाई करने का काम किया करता था। आपने उस व्यक्ति से विजिटिंग कार्ड लिया था, पता नहीं आपने क्या सोच कर उसे डस्टबिन में डाल दिया। मैंने इस अवसर को अपने हाथ से जाने नहीं दिया, मैंने बड़ी मेहनत से फटे हुए विजिटिंग कार्ड के टुकड़ों को जोड़ा और उस नंबर पर कॉल किया उसी व्यक्ति ने मुझे काम पर रख लिया। धीरे धीरे मैं सभी कार्य को सीखता गया मेरे स्किल बढ़ता गया।
वह व्यक्ति मुझे हर काम मे कुशल बनाने के लिए सारे दांव-पेन्च सीखाता, मैं भी मेहनत से काम करता, मुझे आगे की पद के लिए प्रमोसन मिलता रहा। देखते देखते मैं इन पाँच सालो मे काफी कुछ हासिल कर लिया, यह वहीं 80 लाख वाली कार है, इसे मैंने बस अभी दो महीने पहले हि ख़रीदा है, ऐसा कहते मुस्कुराते हुए वे वंहा से चला गया।
कहानी से क्या सीखे
दोस्तों हमें भी बहुत से अवसर मिलते है लेकिन हम उन अवसरो को पहचान नहीं पाते क्योंकि हम दूसरे के बहकावे मे आ जाते है या फिर खुद से ही बहाने बनाते रहते है इसी चक्कर मे हम कुछ भी नहीं कर पाते है। दोस्तों आपको इस कहानी से क्या सिख मिलती है हमें नीचे कमेंट जरूर करें।
बुढ़िया और गाय की मजेदार कहानी
एक बुढ़िया के पास सफेद रंग की गाय थी। बुढ़िया उसे बहुत ही प्यार करती थी और प्यार से उसे गौरी कर कर बुलाती थी। प्रतिदिन सुबह दूध दुहने के बाद बुढ़िया गाय को चरने के लिए छोड़ देती थी। शाम होते ही गाय वापस घर आ जाती थी। किंतु एक दिन गाय समय से घर नहीं लौटी। चिंता में डूबी बुढ़िया गाय को खोजने निकल पड़ी। दूर एक खेत में गाय खड़ी थी। वह पास गई और बोली "गौरी घर चलो न!" वह चुपचाप खड़ी रही। बुढ़िया के बार बार कहने पर बोली "मैं नहीं चलूंगी; क्या करूंगी घर जाकर?" बुढ़िया की समझ में नहीं आ रही थी कि वह क्या करें।
उदास मन से बुढ़िया वापस लौटने लगी। रास्ते में उसे एक कुत्ता मिला। वह कुत्ते से बोली, "तुम तो आदमी की बहुत सेवा करते हो। मेरा भी एक काम कर दो न। मेरी गाय घर नहीं आ रही है मुझे दूध नहीं मिलेगा। तुम इसे काट लो कुत्ता बोला मुझे क्या मतलब? मैं नहीं काटूँगा।"
बुढ़िया आगे बाढी। इतने मे उसे एक लकड़ी का डंडा दिखाई दिया। वह डंडे के पास जाकर बोली,"डंडे - डंडे इस कुत्ते को मारो। यह मेरी गाय को नहीं काटता है।" डंडे ने कहा, "तो मैं क्या करुँ? मैं नहीं मारूंगा।" दुःखी मन से बुढ़िया आगे निकला। रास्ते मे उसे आग दिखा। बुढ़िया ने आग से कहा " तुम इस डंडे को जला दो क्योंकि डंडा कुत्ते को नहीं मार रहा जिससे कुत्ता मेरे गाय को नहीं काट रहा है जिससे मेरी गाय घर नहीं जा रही है और मुझे दूध नहीं मिल रही है " आग ने भी डंडे को जालने से साफ इंकार कर दिया।
बुढ़िया फिर दुःखी मन से आगे जाने लगी, रास्ते मे उसे पानी दिखाई दी उन्होंने पानी से भी अपनी सारी बातें बताई लेकिन उन्होंने भी मना कर आग को बुझाने से इंकार कर दिया। बेचारी क्या करती फिर वंहा से निकल गई। आगे उसको बैल मिला। बुढ़िया बैल से बोली " तुम इस पानी को पी जाओ " बैल ने भी पानी पिने से मना कर दिया।
रास्ते मे बुढ़िया को रस्सी दिखी। फिर रस्सी से बैल को बाँधने के लिये कहा लेकिन उन्होंने भी साफ इंकार कर दिया । आगे बुढ़िया को चुहा दिखाई पड़ा उससे भी रस्सी को कुतरने के लिये मदद मांगी लेकिन उन्होंने भी साफ इंकार दिया।
तब अंत मे बुढ़िया को बिल्ली मौसी दिखी। उनसे अपनी सारी बातें बताई। बिल्ली ने कहा "मैं चुहे को खाने के लिए तैयार हूँ लेकिन मुझे चुहे को खाने के बदले क्या मिलेगा"? बुढ़िया ने कहा " मैं तुम्हें चुहे को खाने के बदले एक कटोरी दुध दूंगी। बिल्ली मान गई। वे जैसे हि बिल्ली को खाने के लिए गई -
चुहा बोला- " रुको बिल्ली मौसी मैं रस्सी कुतरने के लिए तैयार हूँ"।
रस्सी बोला - "रोको मैं बैल को बाँधने के लिए तैयार हूँ।"
बैल बोली - "रोको मैं पानी पीने के लिए तैयार हूँ।"
पानी बोला - "नहीं नहीं मुझे मत पीना मैं आग बुझाने के लिए तैयार हूँ।"
आग बोला - " रुको मैं लकड़ी जालाने के लिए तैयार हूँ।"
लकड़ी बोला - "रोको मैं कुत्ते को मारने के लिए तैयार हूँ।"
कुत्ता बोला - "रोको मैं गाय को काटने के लिये तैयार हूँ।"
फिर गाय बोली - "रोको मुझे मत काटना मैं घर जाने के लिए तैयार हूँ।"
फिर क्या बुढ़िया ने बिल्ली मौसी को एक कटोरी दूध पिलाई और धन्यावाद बोली। दोस्तों आपको यह कहानी कैसे लगी हमें कमेंट जरूर करें।
दो शब्द :—
आशा करता हूं यह तीनों कहानियां आपको बहुत पसंद आया होगा। ये कहानियां हमे उत्साह से भर देता है। इन कहानियों को पड़ने के बाद उत्साह, प्रेरणा के साथ साथ कुछ अवश्य सीखने को मिला होगा आप कॉमेंट कर हमे बताए कि इन तीनो कहानियों से क्या सीखने को मिला।
धन्यवाद,
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