heart touching motivational story in hindi। दिल को छू लेने वाली हिंदी कहानियां।
Table of contents :-
- heart touching motivational story in hindi
- दो भाईयों की motivational kahani in hindi
- hindi motivational kahani दो किसानों की
- बाप और बेटे की heart touching motivational story in hindi
- Moral of the stories:-
- Read more stories :-
heart touching motivational story in hindi
दोस्तो आज मैं लेकर आया हूं heart touching motivational story in hindi इस कहानी के माध्यम से हम जानेंगे कि हर कठिनाई, हर असफलता हमें कुछ न कुछ अवश्य सिखाती है। जीवन में हर अच्छी चीज के लिए मेहनत और आत्मसमर्पण बहुत जरूरी होता है। यह एक दिल को छूने वाली और मोटिवेशनल कहानी है जो हमें यह सिखाती है कि असली सफलता में सफल होने का राज आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच, और अथक प्रयास में ही छिपा होता है। चलिए, इस सफलता की कहानी को शुरू करते हैं और अपने जीवन को नए उच्चाईयों की दिशा में मोड़ते हैं।
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दो भाईयों की motivational kahani in hindi
दो भाई थे। एक दिन किसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा शुरू हो गया। बड़े भाई ने छोटी को एक थप्पड़ मार दिया। छोटा भाई इस बात को रेत में लिख दिया, कि आज मेरे बड़े भाई ने मुझे थप्पड़ मारा है।
कुछ दिन बाद दोनों भाई समुद्र किनारे टहलने के लिए जाते हैं। पानी की लहर की चपेट में छोटा भाई आ जाता हैं। उसे तैरना भी नहीं आता था। वह डूबने लगा। उसके बड़े भाई ने उसे किसी तरह से डूबने से बचा लिया। इस बार छोटा भाई इस बात को पत्थर पर लिखा, कि आज मेरे बड़े भाई ने मुझे डूबने से बचाया है।
बड़ा भाई इस बात को नोटिस कर रहा था। वह पूछ पड़ा। तुमने उस दिन मारने वाली बात रेत पर और आज बचाने वाली बात पत्थर पर लिखा। ऐसा क्यों?
छोटा भाई बोलता है :- भाई मैंने उस दिन थप्पड़ मारने वाली बात रेत पर इसलिए लिखा क्योंकि वह कुछ ही समय मे हवा की झोंक से मिट जाएगा, साथ ही साथ मेरे दिल और दिमाग से भी मिट जाएगा।
लेकिन आज जब आपने मेरी जान किसी तरह से बचाया है, तो उसे मैं पत्थर पर लिखा क्योंकि पत्थर पर लिखा हुआ आसानी से नहीं मिटेगा, और मैं हमेशा यह बात याद रखूंगा। मेरे दिल में हमेशा याद रहेगा कि आपने मुझे कभी डूबने से बचाया था।
दोस्तों लोगों की बुराइयों को अपने अंदर आने मत दो वो कितने भी बुरे हो लेकिन उनकी अच्छाई को जरूर याद रखे और उस पर अमल अवश्य करें।
hindi motivational kahani दो किसानों की
बात उन दिनों की है, जब एक किसान अपने खेतों के लिए पानी की तलाश में था। उन्होंने पड़ोसी किसान से एक कुआं खरीद लिया।
अगले दिन जब किसान उस कुएं से पानी निकाल रहा था। तभी पड़ोसी किसान उसे पानी निकालने से मना कर दिया। किसान द्वारा पूछने पर बताया कि, "मैंने सिर्फ यह कुआं तुम्हें बेचा है, इसलिए इसके अंदर के पानी का तुम पर कोई अधिकार नहीं है।"
किसान अपनी परेशानी को लेकर राजा के पास गया। राजा किसान के पड़ोसी किसान को बुला लिया और उससे पूछा :- "जब तुमने किसान को अपना कुआं बेच दिये हो, तो उन्हें इनका पानी इस्तेमाल करने क्यों नहीं दे रहे हो?"
पड़ोसी किसान बोला :- महाराज! मैंने तो इस किसान को सिर्फ कुआं बेचा है, उसका पानी नहीं।
राजा पड़ोसी किसान की चाल समझ को चुका था। राजा आदेश देकर भी कह सकता था, लेकिन यह न्याय नहीं होता। तभी राजा विचार विमर्श कर पड़ोसी से
कहता है :- देखो भाई, तुमने यदि किसान को अपना कुआँ बेचा है, तो तुम्हे भी अपना पानी उसमें रखने का कोई अधिकार नहीं है। यदि तुम उस कुएं में पानी रखते हो, तो किसान को उसका किराया दिया करो या फिर अपना पानी उसमें से निकाल लो।
पड़ोसी किसान को अपनी गलती का एहसास हो गया था। अतः उन्होंने किसान भाई से माफी मांगी। किसान भी उस दिन से खुशी-खुशी कुए से पानी का इस्तेमाल अपने खेतों में कर रहा था।
शिक्षा :- दोस्तों हमें भी किसी के साथ धोखेबाजी नहीं करनी चाहिए।
बाप और बेटे की heart touching motivational story in hindi
यह heart touching motivational story है एक बाप और बेटे की। बात उन दिनों की है, जब उनके गांव के पास वाले शहर में एक बहुत बड़ा पशु मेला लगा था जिसमे लोग सभी प्रकार के पशुओं को खरीदते और बेचते थे।
उस व्यक्ति के पास एक गधा था। जो किसी भी काम का नहीं था। अतः वे उसे शहर में बेचने के उद्देश्य से निकला। वह व्यक्ति अपने बेटे के साथ गधे को लेकर पैदल चलते हुए जा रहे थे। वे लोग कुछ ही दूर पहुंचे थे, कि रास्ते पर कुछ महिलाएं तलाब किनारे कपड़े धो रही थी।
वह महिलाये एक दूसरे से कहने लगी। ''वह व्यक्ति कितना मूर्ख हैं, जो अपने बच्चे को पैदल चला रहा है। इससे अच्छा तो गधा की सवारी करवा देता।"
महिलाओं की आवाज उस व्यक्ति की कानों तक पहुंच रहा था। वह व्यक्ति सोचने लगा। "यह महिलाएं ठीक कह रही है, वैसे भी गधे को तो बेचने ही जा रहा हूं। तब तक मेरा लड़का इसका सवारी कर ले।" सोच व्यक्ति ने अपने लड़के को गधे पर चढ़ा दिया। लड़का भी गधे की सवारी कर बेहद खुश था।
चलते चलते कुछ देर चलने के पश्चात कुछ बुजुर्ग व्यक्ति दिखता है। वह भी आपस में इनकी ओर इसारा करते हुए कहते है। "इस लड़के को तो अपनी बुजुर्ग पिताजी के लिए कोई इज्जत ही नहीं हैं। स्वयं गधे पर बैठे हैं और बूढ़े बाप पैदल चल रहा है।" यह बातें भी उस व्यक्ति तक पहुंच रहा था। वह व्यक्ति सोचने लगा। "यह लोग बिल्कुल सही कह रहे हैं, मेरे लड़के को मेरी इज्जत करनी चाहिए।" फिर क्या ? लड़के को गधे से उतारकर स्वयं उसकी सवारी कर लेता है। और निकल जाता है शहर की ओर।
चलते चलते कुछ ही देर हुआ था, कि रास्ते में कुछ नौजवान युवा साथी क्रिकेट खेल रहा था। वे लोग भी आपस में कहने लगे। "देखो एक निर्दई बाप को जो अपने बेटे को पैदल चला रहा है, और स्वयं गधे की सवारी कर रहा है। ये कैसा दिन आ गया है। यह बात भी उस व्यक्ति के कानों में गूंज रहा था। वह व्यक्ति खुद गधे से उतर जाता है और अपने लड़के को फिर से गधे के ऊपर बैठा देता है।
कुछ देर ऐसा ही चलता रहा कि रास्ते में कुछ ऐसे ही व्यक्ति मिले, जो आपस में कह रहे थे। "यह लोग कितना मूर्ख हैं? बेचारे लाचार गधे को तकलीफ पहुंचा रहे हैं।
इस बार तो उस व्यक्ति को अत्यधिक गुस्सा आने लगता है। फिर भी वह अपने लड़के को गधे से उतार देता है। तथा अपने लड़के से रस्सी और डंडे लाने के लिए कहता है। वे दोनों गधे के आगे पीछे के दोनों पैरों को आपस में बांध देता है और डंडे के सहारे से बाप बेटा स्वयं उस गधे को धो कर ले जाने लगे। तब तो रास्ते में आने वाले सभी लोग इस बाप बेटे पर खूब हंसने लगा। इस दुनिया मे मूर्ख लोगो की कोई कमी नहीं है। ये देखो मुर्ख बाप बेटा गधे को धो रहे है।
इस बार वह व्यक्ति पहले से बहुत ज्यादा क्रोधित गया। फिर भी इस बार वह दूसरे व्यक्तियों की बातों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था। बस चलते ही जा रहा था। क्योंकि शहर आने मे कुछ ही दूर बचा था।
शहर जाने के लिए उन दोनों को सबसे पहले नदी पार करना था। वे दोनों गधे को लेकर पुल पार कर ही रहा था, कि अचानक गधा गुस्से में आ गया और अपने पैरों को छुड़ाने की कोशिश कर रहा था। गधे की इस कोशिश में वे उछलकर नदी में गिर जाता है। तथा गधे की तुरंत ही मृत्यु हो जाती हैं। बाप बेटा के हाथ में कुछ भी नहीं आता है। वे दोनों अफसोस करने लगते हैं। और खाली हाथ ही निराशा घर लौट जाते हैं।
Moral of the story :-
लोग क्या कहते हैं? इस पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें। वरना इसका दुष्परिणाम क्या हो सकता है ? इस कहानी से समझ ही गए होंगे। यह कहानी आपको कैसा लगा हमें कमेंट अवश्य करें।
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