hindi story in hindi| hindi story in| hindi story hindi story hindi story
Table of contents :-
hindi story :-
दोस्तो आज की हमारी कहानी है ( hindi story in hindi| hindi story in| hindi story hindi story hindi story ) एक गुरु और उनके शिष्यों की। उनके शिष्य भगवान के अस्तित्व पर सवाल करते हैं तब गुरु अपने सभी शिष्यों को एक बहुत कठिन काम देते हैं। तो चलिए देखते हैं कि कितने शिष्य उस काम को पूरा कर पाते हैं।
शिष्य की परीक्षा ईश्वर क्या है भगवान क्या है :–
यह कहानी बहुत पुरानी है। एक समय की बात है जब गुरु अपने शिष्यों को बरगद वृक्ष के नीचे शिक्षा दीक्षा दिया करता था। गुरुजी के 10 शिष्य थे। एक दिन गुरुजी गहरे ध्यान में बैठे होते हैं, तभी एक शिष्य गुरु जी से कहता है :- गुरु जी आप कहते हैं कि आपने भगवान को देखा है, आखिर भगवान दिखता कैसे हैं? मुझे भी भगवान को देखने की तीव्र इच्छा हो रही है। क्या आप भगवान से मेरी दर्शन कराएंगे?
गुरु जी बोले:- क्यों नहीं शिष्य लेकिन भगवान से मिलने से पहले मेरा दिया हुआ छोटा सा कार्य करना होगा तभी मैं भगवान की दर्शन कर आ पाऊंगा।शिष्य तैयार हो गया उनके साथ बाकी शिष्य भी तैयार हो गए।
कार्य यह था कि, वहां से दो कोस दूर एक तालाब था। उस तालाब से सभी को एक-एक टोकरी जो बांस के बने होते हैं पानी भर लाना था। अब सुबह होते ही सभी पानी लाने के लिए उस तालाब में चले गए। आप सभी को क्या लगता है, कि उस बांस के बनी टोकरी में पानी आएगा? नहीं ना।
चलो देखते हैं आगे क्या हुआ उन सभी शिष्यों के साथ...
जैसे ही सभी तालाब किनारे पहुंचे, सभी टोकरी में पानी लेने के लिए उसे डूबाता। जैसे ही टोकरी को ऊपर उठाता था, उसमें बने छिद्र से पानी धीरे-धीरे नीचे गिर जाता। सभी शिष्य बार-बार प्रयास करते रहते। देखते-देखते दोपहर हो गया, लेकिन अब भी पानी टोकरी में नहीं भरता। तीन शिष्य इससे परेशान होकर गुरु जी को अपशब्द कहते हुए वहां से चला गया।
अब बचे 7 शिष्य इस कार्य को पूरा करने का प्रयास कर रहा था। कि, थोड़ा दूर जाते ही टोकरी का पानी पूरा नीचे गिर जाता। इससे फिर तीन शिष्य परेशान हो गए। कहने लगे "यह बेकार है, इस टोकरी में पानी आ जाएगा ही नहीं, गुरु जी हमसे झूठ बोला है, वह एक पाखंडी गुरु है" तीनों शिष्य वहां से चले गए।
अब बचा चार शिष्य ही इस कार्य को कर रहा था। कि, दो शिष्यो को बाकी के शिष्यों ने उन्हें भडकाकर कि यह कार्य करना व्यर्थ है, वहां से चला गया।
अब सिर्फ दो ही शिष्य बचे थे। वे दोनों बिना रुके शाम तक इस कार्य को करते रहे, लेकिन एक शिष्य ने हार मान ली वह भी वहां से चले गए। अब अंत में वही शिष्य बचता है, जिसने शुरू में गुरु जी से प्रश्न किया था। वह भी रात तक प्रयास करता रहा, लेकिन थक हार कर वह भी वही पर ही सो गया। अगली सुबह जब वे उठता है, तब वह टोकरी में पानी भरकर गुरुजी के पास ले जाता है। और कहता है:- गुरु जी मैंने पानी ले आया है।
तभी गुरुजी कहता है:- शिष्य बाकी शिष्य कहां है
शिष्य कहता है:- सभी इस कार्य को बेकार समझकर आपको अपशब्द कहते हुए वहां से चला गया।
गुरु जी कहते हैं:- लेकिन तुम क्यों नहीं गए
शिष्य कहता है:- मुझे आप पर पूर्ण विश्वास था। आपने कहा है, तो जरूर यह कार्य पूरा होगा। और मैं भगवान का दर्शन कर पाऊंगा।
तभी गुरु जी कहता है:- शिष्य आपने बिल्कुल सही कहा, जिस प्रकार आपको मुझ पर पूर्ण विश्वास था, उसी प्रकार मुझे भगवान पर पूर्ण विश्वास है। और यह विश्वास ही भगवान का रूप है। शिष्य यह बात समझ गया तथा प्रसन्न हुआ। कि, आज उसने भगवान की दर्शन की है।
अब आप भी समझ गए होंगे कि भगवान होता कैसे हैं? दिखते कैसे हैं? और उस टोकरी में पानी कैसे आया? आप जरा सोचिए,
कहानी का अंत :–
मैं बताता हूं। दरअसल बार-बार प्रयास करने से टोकरी का छिद्र कंकड़ से भर गया और रात भर पानी में डूबे होने के कारण उसमें काई भी जम गई। अतः सुबह होते ही टोकरी में पानी भरने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो गया। आशा करता हूं कि यह कहानी आपकी सोच को बदल कर रख देगी। हमें इस कहानी से अनेक प्रेरणात्मक बातें जानने को मिला। अतः आप इसे हमेशा याद रखना।
Your queries:-
- hindi story in hindi
- hindi story hindi story hindi story
- hindi story in
- hindi kahani
- short story in hindi
- हिंदी कहानियां
- कहानी हिंदी
- hindi moral stories
- मजेदार कहानियां
- हिंदी stories
- hindi stories moral stories
- short story for hindi
- moral kahani in hindi
- hindi moral story in hindi
- hindi short story in hindi
- short hindi moral story
- hindi stories in hindi with moral
इसे भी पढ़े :–
चालाक गधे और शेर की कहानी | click here |
---|---|
सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की कहानी ( लालच बुरी बला है ) | click here |
Sarhad Paar love Story | click here |
एक किसान और लड़के की शानदार कहानी | click here |
Story of expectation लक्ष्य पाने की कहानी | click here |
मौका चूक मत जाना | click here |
ईमेल एड्रेस | click here |
बुढ़िया और गाय की मजेदार कहानी | click here |
शरारती मोहन की कहानी | click here |
मूर्ख होना अलग बात है और समझा जाना अलग | click here |
दयालु विजय best moral short story in hindi | click here |
Murkh batuni cachuaa मूर्ख बातूनी कछुआ | click here |
How to control your anger (गुस्सा को कंट्रोल कैसे करें ) | click here |
0 Comments